हिन्द महासागर क्षेत्र में चुनौतियां और संभावनाएं: भारत-श्रीलंका के संदर्भ में
Author(s): देवेंद्र कुमार
Abstract: यह शोध पत्र हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत-श्रीलंका संबंधों की चुनौतियों और संभावनाओं का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। हिन्द महासागर क्षेत्र, जो वैश्विक व्यापार और सामरिक स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, भारत और श्रीलंका के लिए आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है। इस शोध में दोनों देशों के आर्थिक संबंधों, सामरिक साझेदारी, और भू-राजनीतिक परिदृश्यों का अध्ययन किया गया है। चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत श्रीलंका में बड़े पैमाने पर निवेश ने भारत के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न की हैं। हंबनटोटा बंदरगाह और अन्य परियोजनाओं पर चीन के नियंत्रण ने इस क्षेत्र में शक्ति संतुलन पर प्रभाव डाला है। इसके बावजूद, भारत ने श्रीलंका के साथ व्यापार, बुनियादी ढांचे, और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दिया है। इस शोध में व्यापार असंतुलन, श्रीलंका के बाहरी ऋण, और चीन की बढ़ती उपस्थिति जैसी चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है। साथ ही, नवीकरणीय ऊर्जा, ब्लू इकॉनमी, और क्षेत्रीय व्यापार संपर्कता जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। विस्तृत आंकड़ों और सांख्यिकीय विश्लेषणों के माध्यम से, यह अध्ययन भारत-श्रीलंका संबंधों के क्षेत्रीय प्रभाव को समझने और हिन्द महासागर क्षेत्र की स्थिरता और विकास में उनके योगदान का आकलन करने का प्रयास करता है।
देवेंद्र कुमार. हिन्द महासागर क्षेत्र में चुनौतियां और संभावनाएं: भारत-श्रीलंका के संदर्भ में. Int J Political Sci Governance 2025;7(7):169-175. DOI: 10.33545/26646021.2025.v7.i7c.602