महिला सशक्तिकरण का तात्पर्य महिलाओं को दिए जाने वाले अधिकार, अवसर और समाज में उनके योगदान से संबंधित है| महिला सशक्तिकरण जिसके द्वारा महिलाओं को आर्थिक सामाजिक तथा राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने की प्रयास किए जाते हैं ताकि वह अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकें तथा निर्णय लेने में समझ में अपनी भागीदारी दे सकें|
महिला सशक्तिकरण से संबंधित मुख्य पहलू
शिक्षा: शिक्षा जीवन की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है यह न सिर्फ महिलाओं को बल्कि प्रत्येक व्यक्ति को दी जानी चाहिए | हालांकि महिलाओं को शिक्षा दिए जाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य यह होता है कि यह न सिर्फ अपना बल्कि शिक्षित होने पर संपूर्ण समाज का विकास कर सकती हैं |
स्वास्थ्य और पोषण: महिलाओं को जगत जननी की संज्ञा दी गई है बहुत आवश्यक हैकी महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए | स्वस्थ महिलाएंस्वस्थ परिवार एवं स्वस्थ समाज का निर्माण करते हैं प्रजनन स्वास्थ्य, सुरक्षित प्रसव, और महिलाओं के लिए उचित पोषण की व्यवस्था पर जोर दिया जाता है।
आर्थिक सशक्तिकरण: महिलाओं कोआर्थिक रूप से भी मजबूत बनाने का काम किया जाता है ताकि वह समान वेतन तथा समान अधिकारों के साथ अपने जीवन को बेहतरी से पालन कर सकें | इसके लिए सरकार के द्वारा भी बहुत सारी योजनाएं चलाई जाती हैंजैसे कौशल विकास योजना,माइक्रोफाइनेंस योजना तथा स्वयं सहायता समूह |
महिलाओं को सशक्तिकरण प्रदान करने के लिए इन सब अधिकारों के साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक अधिकार प्रदान किए गए हैं जो की सबसे पहले स्थानीय स्वशासनमें महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देते हैं तथा उन्हें समाज में अपनी एक स्वतंत्र पहचान बनाने का अवसर भी प्रदान करते हैं |