दक्षिण एशिया की बदलती राजनीति में भारत और नेपाल के संबंध: एक सामरिक महत्व
Author(s): विकास कुमार मीना, सचिन तिवारी
Abstract: भारत के उत्तर में स्थित नेपाल एक भू–आबद्ध राष्ट्र है। जिसका अपना एक समृद्ध और सुसज्जित इतिहास है। भारत के साथ इसके सदियों पुराने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक, व्यापारिक तथा धार्मिक संबंधों ने इसके विकास का मार्ग प्रशस्त किया है, जिसके मूल में समान धर्म- संस्कृति, सौहार्द, प्रगति और उन्नति है। भारत- नेपाल संबंधों की रूपरेखा सदियों पुराने हिन्दू-बौद्ध धर्म के विकास तथा व्यापारिक मार्गों की उन्नति से प्रदर्शित होती है जो कालांतर में आर्थिक, प्रौधोगिक, रणनीतिक, भौगोलिक तथा मानवीय है परंतु बदलती भू- राजनीतिक परिवेश में दोनों राष्ट्रों ने अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति तथा प्रगति हेतु विपरीत साधनों का इस्तेमाल किया है जिससे भारत- नेपाल संबंधों में खटास की अनुभूति हुई है। मुख्य कारणों में नेपाल का चीन की तरफ झुकाव, मधेशी संकट, भारतीय क्षेत्रों को नेपाली मानचित्र में प्रदर्शित करना, देह व्यापार और मानव तस्करी आदि सम्मिलित है परंतु विभिन्न विवादों के उपरांत भी दोनों राष्ट्रों के मध्य संबंध अत्यंत सौहार्दपूर्ण हैं तथा भारत द्वारा नेपाल के विकास में असीमित संसाधनों और धन- सेवा की आपूर्ति निर्बाध रूप से दी जा रही है तथा सरकारी स्तर पर विभिन्न संधियों और सम्मेलनों द्वारा इसकी स्पष्ट अभिव्यक्ति भी होती है। भारत नेपाल के संबंधों में ऐतिहासिक विकास के लक्षण विद्मान है जो सन 2014 के बाद और अधिक प्रगाढ़ हुए हैं तथा मोदी सरकार की पड़ोसी प्रथम की नीति ने नेपाल के साथ भारत के रणनीतिक और सामरिक संबंधों को और बढ़ा दिया है जिससे रोटी- बेटी का प्रचलित संबंध विद्यमान रह सके। इस प्रकार भारत और नेपाल के मध्य एक सौहार्दपूर्ण और मित्रवत संबंध का होना भौगोलिक, सामरिक तथा रणनीतिक लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है जिससे दोनों पड़ोसी राष्ट्रों का तीव्र गति से विकास हो सके।
DOI: 10.33545/26646021.2023.v5.i2c.276Pages: 159-162 | Views: 379 | Downloads: 10Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
विकास कुमार मीना, सचिन तिवारी.
दक्षिण एशिया की बदलती राजनीति में भारत और नेपाल के संबंध: एक सामरिक महत्व. Int J Political Sci Governance 2023;5(2):159-162. DOI:
10.33545/26646021.2023.v5.i2c.276