डाॅ. बी.आर. अंबेडकर और महात्मा गांधी के राजनीतिक आदर्शों का तुलनात्मक अध्ययन
Author(s): मिथिलेश कुमार
Abstract: यह शोध पत्र गांधी के और अम्बेडकर के अस्पृश्यता पर आधारित प्रवचनों और उनके लेखन और राजनीतिक प्रथाओं में उनके द्वारा प्रतिपादित अनुकरणीय सामाजिक परियोजनाओं का विश्लेषण करके मानवीय गरिमा के विचार की व्याख्या करना चाहता है। अभिसरण और शब्दावलियां उनके साझा उद्यम में स्पष्ट हैं कि आत्म-सम्मान, सामाजिक मान्यता और सम्मान की बहुवचन जीवित दुनिया को संस्थागत रूप देने के लिए अपमानित करता है। उन्होंने अपने तरीके से मानवीय गरिमा को बनाए रखने के लिए सामाजिक रूप से पदानुक्रमित और अपमानजनक सामाजिक व्यवस्था को हल करने की कोशिश की। भारत में, हमारी क्षैतिज और ऊध्र्वाधर पहचान के आधार पर दिन-प्रतिदिन की जातिगत हिंसा और उत्पीड़न अक्सर मानव स्वतंत्रता को नष्ट कर देते हैं और मनुष्य के समान सम्मान को अस्वीकार करते हैं। आधुनिक भारत के इन दो संस्थापक पिताओं ने इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और एक दूसरे का सम्मान करने और सामाजिक मान्यता के लिए खुले स्थान पर अपमानजनक प्रथाओं का विरोध करने के लिए व्यक्तिगत परिवर्तन करके मानवीय गरिमा को बचाने की पूरी कोशिश की।
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मिथिलेश कुमार. डाॅ. बी.आर. अंबेडकर और महात्मा गांधी के राजनीतिक आदर्शों का तुलनात्मक अध्ययन. Int J Political Sci Governance 2020;2(2):30-33.