भारतीय परम्परा के सामाजिक और राजनीतिक गतिशीलता का आधुनिकीकरणः एक अध्ययन
Author(s): अनीता कुमारी और डाॅ. नीलम कुमारी
Abstract: आधुनिकतावाद एक मूल्यपरक एवं गुणात्मक गात्मक श्रेणी है। जो जटिल परंपराओं एवं समस्याओं की ऐतिहासिक यात्रा की वह देन है, जिसके तहत परंपरा पर आधारित विचारों, सिद्धांतो एवं सांस्कृतिक मूल्यों के जगह पर वैज्ञानिकता एवं तार्किक आधार को प्रतिस्थापित किया गया। सामान्य अर्थो मे आधुनिकता का अभिप्राय सामाजिक संरचना एवं मूल्यों में परिवर्तन अथवा नए मूल्यों एवं नई सोच के जन्म से है, खुले तौर पर कहा जाए तो प्राचीन काल से समाज में व्याप्त परंपराओं, मान्यताओं एवं रीति-रिवाजो से हटकर सामाजिक एवं राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में नए .ष्टिकोण को अपनाना ही आधुनिकता है और नवीन .ष्टिकोण पर आधारित आधुनिकता की यह अवधारणा आधुनिकतावाद कहलाती है। भारतीय सामाजिक और राजनीतिक गतिशीलता के संदर्भ आधुनिकीकरण का अभिप्राय उन्हीं नवीन चिंतनों एवम् पारंपरिक बदलावों से है जिसका आधार निःसंदेह ही वैज्ञानिक व तर्क युक्त था। भारतीय सभ्यता और संस्कृति की वह परंपरा जो रीति-रिवाजों एवम् प्राचीन काल से समाज में व्याप्त मान्यताओं के आधार पर प्रतिस्थापित था। वह 18वीं शताब्दी के मध्यांतर तक आते-आते वैज्ञानिकता व तर्क आधारित तथ्यों को तरजीह देने लगा। जिसके परिणामस्वरूप भारतीय परंपरा के सामाजिक और राजनीतिक गतिशीलता में एक नये आवधारणा के रूप में आधुनिकीकरण का प्रादुर्भाव था।
अनीता कुमारी और डाॅ. नीलम कुमारी. भारतीय परम्परा के सामाजिक और राजनीतिक गतिशीलता का आधुनिकीकरणः एक अध्ययन. Int J Political Sci Governance 2025;7(9):32-34. DOI: 10.33545/26646021.2025.v7.i9a.662