दक्षिण एशिया में भारत की राजनीतिक भूमिकाः शक्ति, कूटनीति और क्षेत्रीय संतुलन का विमर्श
Author(s): गौतम कुमार
Abstract: भारत, दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और प्रभावशाली देश होने के कारण, इस क्षेत्र की राजनीतिक संरचना, कूटनीतिक संतुलन, और आर्थिक सहयोग की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाता है। इस लेख में भारत की भूमिका को एक क्षेत्रीय शक्ति, शांति रक्षक, और विकास के नेतृत्वकर्ता के रूप में विश्लेषित किया गया है। भारत की विदेश नीति, जैसे ‘नेबरहुड फस्र्ट’, ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘सागर’ (ै।ळ।त्) जैसी पहलों के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि भारत केवल सामरिक हितों तक सीमित न रहकर क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को प्राथमिकता देता है। भारत-पाक संबंधों में गतिरोध, भारत-चीन प्रतिस्पर्धा का प्रभाव, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के साथ जटिल संबंध तथा अफगानिस्तान में भारत की रणनीतिक उपस्थिति भी इस विमर्श के केंद्र में हैं। इस अध्ययन में भारत की रणनीति को तीन मुख्य परिप्रेक्ष्यों में देखा गया है शक्ति और प्रभुत्व की राजनीति, विकास और मानवीय कूटनीति, और बहुपक्षीय संबंधों का विस्तार। लेख में यह भी विश्लेषित किया गया है कि कैसे भारत अपनी उदार लोकतांत्रिक छवि और सांस्कृतिक प्रभाव के माध्यम से दक्षिण एशिया में स्थायित्व और नेतृत्व की आकांक्षा को बल देता है। निष्कर्षतः, भारत की भूमिका अब केवल पारंपरिक सुरक्षा तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि वह क्षेत्रीय बहुपक्षीयता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद विरोध, और आर्थिक एकीकरण जैसे मुद्दों में भी नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है।
DOI: 10.33545/26646021.2025.v7.i5b.534Pages: 124-126 | Views: 94 | Downloads: 8Download Full Article: Click Here
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गौतम कुमार.
दक्षिण एशिया में भारत की राजनीतिक भूमिकाः शक्ति, कूटनीति और क्षेत्रीय संतुलन का विमर्श. Int J Political Sci Governance 2025;7(5):124-126. DOI:
10.33545/26646021.2025.v7.i5b.534