पंडो जनजाति में राजनीतिक जागरूकता का अध्ययन (सरगुजा जिले के संदर्भ में)
Author(s): रीता सरकार, जसिन्ता मिंज
Abstract: प्रकृति की अवशेष सम्पदा एवं सौन्दर्य का प्रतीक छत्तीसगढ राज्य आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। विशीष्ट लोक सस्कृति, लोककला, परम्पराओं पर्वत, नदियां सतत् प्रवाहिनी सरिताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य की अपनी पहचान है। पंडो जनजाति का निवास स्थान देखे तो मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के बलरामपुर, सूरजपुर एवं सरगुजा है 2011 की जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ में इनकी जनसंख्या भारिया भूमिया, भूमिहर आदि के साथ की गई है। पिछले सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ में पंडो जनजाति की संख्या 31814 दर्शायी गई है। इस जनजाति की मुख्य जनसंख्या सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया आदि में अन्य लोगो की तुलना में आज भी अत्यंत पिछड़ी हुई है। समाज की अन्य लोगों की तुलना में इनका सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक राजनीतिक आदि विकास अत्यंत धीमी है इसलिए सरकार द्वारा इनकी जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के अनेक प्रयास किये जा रहे है ताकि समाज के अन्य लोगों के समान पंडो जनजाति का भी विकास हो सके। परन्तु आधुनिक युग के प्रवेश द्वारा पर खड़े होने के बाद भी समाज के अन्य लोगों की अपेक्षा ये जनजाति आज भी अत्यंत पिछड़ी हुई है।
रीता सरकार, जसिन्ता मिंज. पंडो जनजाति में राजनीतिक जागरूकता का अध्ययन (सरगुजा जिले के संदर्भ में). Int J Political Sci Governance 2025;7(3):45-47. DOI: 10.33545/26646021.2025.v7.i3a.462