अनुच्छेद 370 में बदलाव चीन-पाकिस्तान कारक की भूमिका और अन्तर्राष्ट्रीय निहितार्थ
Author(s): गौरव कुमार शर्मा
Abstract: यह लेख जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35। को हटाने के बाद के संवैधानिक परिवर्तनों का विश्लेषण करता है। इस अध्ययन का उद्देश्य क्षेत्र के ऐतिहासिक और राजनीतिक संदर्भ का विश्लेषण करना, इन कानूनी संशोधनों का प्रभाव मूल्यांकित करना और जम्मू और कश्मीर के निवासियों के लिए इसके राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिणामों की जांच करना है। अध्ययन में दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के निर्माण से संबंधित प्रशासनिक पुनर्गठन और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं का भी विश्लेषण किया गया है।
यह अध्ययन ऐतिहासिक दस्तावेजों, सरकारी अभिलेखों, कानूनी पाठ्यक्रमों और राजनीतिक टिप्पणी पर आधारित है, ताकि जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को हटाने के परिणामों का विश्लेषण किया जा सके। इसमें विशेष नागरिकता, निवासियों के विशेष अधिकारों और राज्य के अलग संविधान और ध्वज को समाप्त करने जैसे प्रमुख बदलावों का विवरण है। अध्ययन में जम्मू और कश्मीर में विधानसभा की स्थापना, और राज्य के भारतीय संघ में पूर्ण एकीकरण के बाद प्रशासनिक संरचनाओं में बदलाव की भी चर्चा की गई है।
परिणाम दर्शाते हैं कि शासन में केंद्रीकरण और समानता की दिशा में बदलाव आया है, जिससे प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हो रहे हैं। गैर-निवासियों को भूमि खरीदने और रोजगार के अवसरों की उपलब्धता जैसे आर्थिक अवसरों को विकास के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। हालांकि, स्थानीय राजनीतिक नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इस निर्णय का विरोध भी हुआ है, पाकिस्तान और चीन ने कड़े विरोध व्यक्त किए हैं। इसके बावजूद, निष्कर्ष में यह बताया गया है कि एकीकरण की ओर बढ़ने से क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थिरता और विकास की संभावना है, हालांकि यह प्रक्रिया विवादास्पद बनी हुई है।
DOI: 10.33545/26646021.2024.v6.i2e.413Pages: 362-365 | Views: 62 | Downloads: 10Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
गौरव कुमार शर्मा.
अनुच्छेद 370 में बदलाव चीन-पाकिस्तान कारक की भूमिका और अन्तर्राष्ट्रीय निहितार्थ. Int J Political Sci Governance 2024;6(2):362-365. DOI:
10.33545/26646021.2024.v6.i2e.413