राज्यपाल की भूमिका का सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक अध्ययन
Author(s): डाॅ. अरुण कुमार वर्मा
Abstract: भारत में संघीय शासन व्यवस्था अपनायी गयी है और संघीय शासन व्यवस्था में राज्यपाल का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि राज्यपाल का पद न केवल केन्द्र और राज्य की शासन व्यवस्था का जोड़ने वाली एक कड़ी होता है, बल्कि वह राज्य की शासन एवं प्रशासनिक व्यवस्था का संरक्षक भी होता है। राज्यपाल के पद को राज्य की संवैधानिक व्यवस्था का वाॅच डाग कहा जाता है। भारतीय संविधान में राज्यपाल की शक्तियों को स्पष्ट रुप उल्लेखित किया गया हैं। आज राज्यपाल के पद का राजनीतिकरण हो गया है और केन्द्र सरकार राज्यपाल को अपने राजनीतिक दल का प्रतिनिधि समझती है इसीलिए राज्यपाल को उसके कार्यों एवं उसकी भूमिका कोे लेकर संदेह से देखा जाता है। परिणामस्वरुप केन्द्र एवं राज्य सरकारों में निरन्तर टकराव देखने का मिलता है, ऐसे में विभिन्न लोगों ने राज्यपाल के पद को समाप्त करने की वकालत की। वहीं कुछ समितियांे और आयोगों ने कुछ सुधारात्मक सुझाव दिऐ ताकि राज्यपाल की भूमिका के सम्बन्ध में विवादों को समाप्त किया जा सके। सम्बन्धित शोध पत्र में राज्यपाल की भूमिका का सैद्धान्तिक भूमिका का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया गया है।
डाॅ. अरुण कुमार वर्मा. राज्यपाल की भूमिका का सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक अध्ययन. Int J Political Sci Governance 2024;6(2):101-104. DOI: 10.33545/26646021.2024.v6.i2b.372