राजनयः एक अवधारणात्मक अध्ययन
Author(s): डाॅ. विनोद कुमार
Abstract: राष्ट्र राज्यों के मध्य शान्ति, व्यापार और सामाजिक सम्बन्धों के बिना सभ्यता के उचित स्तर पर मानव जाति का अस्तित्व व्यवहारिक रूप से असंभव है और ये चीजें कूटनीति, राज्यों के समायोजित प्रतिनिधित्व औरउनकसंपर्कों के समायोजन पर निर्भर करती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विश्व के विभिन्न राष्ट्रों में राजनीतिक, आर्थिक एवं सामरिक क्षमताएँ एवं अवसर उपलब्ध हैं। इन क्षमताओं और अवसरों को केवल कुशल राजनय के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है और संभव बनाया जा सकता है। इस प्रकार से राजनय को ‘‘राज्यों का प्रतिनिधित्व करने और राष्ट्रों के मध्य शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व तथा सौहार्दपूर्ण सहयोग के लिए बातचीत करने की कला के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। आज का युग राजनय का युग है इसलिए राजनय के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना अनिवार्य है। क्योंकि वैश्विक स्तर पर विभिन्न राष्ट्रों के व्यवहार को राजनय के माध्यम से ही समझा जा सकता है और यह मौलिक समझ ही स्वस्थ द्विपक्षीय संबन्धों का आधार है।
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डाॅ. विनोद कुमार. राजनयः एक अवधारणात्मक अध्ययन. Int J Political Sci Governance 2024;6(1):268-274.