भारत और मालदीव के बीच सदियों से चले आ रहे ऐतिहासिक संबंध हैं। सांस्कृतिक समानताएँ और ऐतिहासिक संबंधों ने मज़बूत राजनयिक संबंधों की नींव रखी है। मालदीव, हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित एक द्वीपसमूह, भारत के लिये एक महत्त्वपूर्ण भागीदार रहा है, और ऐतिहासिक व्यापार मार्गों ने सदियों से दोनों देशों के बीच अंतः क्रिया की सुविधा प्रदान की है। मालदीव एक छोटा सा द्विपीय मुल्क है। मालदीव का क्षेत्रफल महज 300 वर्ग किलोमीटर। अगर क्षेत्रफल के मामले में तुलना करें तो दिल्ली मालदीव से क़रीब पाँच गुनी बड़ी है। मालदीव छोटे-छोटे क़रीब 1200 द्वीपों का समूह है। मालदीव की कुल आबादी 5.21 लाख है। मालदीव भौगोलिक रूप से दुनिया का सबसे बिखरा हुआ देश है।
भारत में एन॰डी॰ए-2 की सरकार वर्ष 2014 में बनी। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद पुनः वर्ष 2019 में एन॰डी॰ए॰ सरकार बनी। मोदी सरकार ने अपने विदेश नीति में पड़ोस प्रथम की नीति को अपनाया। इस नीति के तहत दक्षिण एशिया के देशों के साथ मित्रता और सहयोग पर आधारित रिश्ते स्थापित करने की कोशिश किया गया। भारत ने वर्ष 2014 से मालदीव के साथ मित्रतापूर्ण संबंध स्थापित करने की पहल किया है। मालदीव में इस दौरान राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद एवं राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भारत फ़र्स्ट नीति के तहत भारत से मित्रतापूर्ण संबंध रखा। लेकिन मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद इब्राहिम सोलिह ने चीन फ़र्स्ट की नीति को अपनाया है और इस वजह से भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति को अपना रहा है।