झारखण्ड आंदोलन अलग राज्य का दर्जा देने की मांग के साथ शुरू हुआ एक सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक आंदोलन था। इतिहास पर दृष्टि डालते हैं तो झारखण्ड यानी छोटानागपुर और संताल परगना क्षेत्र का अपना अलग वजूद रहा है। भौगोलिक, सांस्कृतिक, भाषाई और सामाजिक संरचना की दृष्टि से यह क्षेत्र बिहार तथा बंगाल से भिन्न रहा है। सामाजिक रूप से देखे तो संपूर्ण जनसंख्या का बहुत बड़ा हिस्सा जनजातीय समाज का था तथा जनजातीय समाज की अपनी शासन व्यवस्था थी। इस तरह के जनजातीय समाज ने समय के साथ अपनी शासन व्यवस्था, भाषा, संस्कृति और पहचान को बनाए रखने के उद्देश्य से अलग झारखण्ड राज्य का मांग शुरू किया। प्रस्तुत शोध प्रत्र में झारखण्ड आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला गया है, साथ ही शोध प्रत्र को सटिक और विश्वसनीय बनाने के लिए द्वितीयक आँकड़ो का सहायता लिया गया है।