अध्यक्षीय बनाम संसदीय लोकतंत्र : एक तुलनात्मक विश्लेषण
Author(s): पूजा सैनी
Abstract:
आज लोकतांत्रिक सरकारें जो चुनावों के माध्यम से नागरिक जुड़ाव को सक्षम बनाती है, दुनिया के 50% से भी अधिक हिस्से में मौजूद है। दुनिया भर में दो प्रकार के लोकतंत्र प्रचलन में है, प्रत्यक्ष लोकतंत्र और प्रतिनिधि लोकतंत्र । प्रतिनिधि लोकतंत्र को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: अध्यक्षीय और संसदीय लोकतंत्र। अध्यक्षीय और संसदीय प्रणाली के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि कार्यकारी और विधायी शाखाएँ कैसे परस्पर क्रिया करती है। अध्यक्षीय प्रणाली की संसदीय प्रणाली से तुलना करने पर, अध्यक्षीय प्रणाली काफी स्थिर प्रतीत होती है। अध्यक्षीय प्रणाली में कार्यपालिका अपनी लोकतांत्रिक, वैद्यता के लिए विधायिका पर निर्भर नहीं रहती इसमें राष्ट्रपति वास्तविक प्रमुख होता है। जबकि संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका अपनी लोकतांत्रिक वैधता विधायिका के माध्यम से प्राप्त करती हैं और विधायिका के प्रति ही उत्तरदायी होती है। संसदीय शासन प्रणाली में प्रधानमंत्री प्रभारी होता है। भारत में संसदीय प्रणाली प्रतिनिधि सरकार प्रदान करती है, जो श्रेष्ठ है।
पूजा सैनी. अध्यक्षीय बनाम संसदीय लोकतंत्र : एक तुलनात्मक विश्लेषण. Int J Political Sci Governance 2024;6(1):12-16. DOI: 10.33545/26646021.2024.v6.i1a.295