राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गठन एवं संरचना :एक अध्ययन
Author(s): भीष्म ठाकुर
Abstract:
1925 में गठित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक अनोखे संगठन के रूप अपने 100 वर्ष की सार्थक यात्रा तय करने ही वाला है |चंद लोगों से शुरुआत हुए इस संगठन की यात्रा आज इस मुकाम पर है कि भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक आयाम पर इसके प्रभाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता हैं |आज संघ तमाम चुनोतियों के बावजूद एक वटवृक्ष के रूप में स्थित है | हिंदुत्व, हिन्दुराष्ट्र अथवा भारतीयता के प्रति अटल निष्ठा के अपने ध्येय को लिए हुए पुरे देश में ही नही अपितु विदेशों में भी अपने संगठन का विस्तार कर भारतीय जीवन पद्धति को विश्व में विस्तार के मार्ग पर चल पड़ा है |वसुधेव कुटुम्बक और सर्वे सन्तु निरामयाः ... जैसे उद्दघोष के साथ विश्व में अपने प्रभाव को विस्तार देता नजर आता हैं |दुनिया में संगठन के अपने अनोखे मॉडल के साथ जिसके केंद्र में शाखा है, संघ की आज 50 हजार से अधिक शाखाएं हैं | संगठन की अपनी कार्यप्रणाली है, अपनी विशेष संरचना है |
भीष्म ठाकुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गठन एवं संरचना :एक अध्ययन. Int J Political Sci Governance 2023;5(2):177-180. DOI: 10.33545/26646021.2023.v5.i2c.280