शहरी क्षेत्रवासियों का जल संरक्षण हेतु जागरूकता स्तर-अजमेर नगर के विशेष संदर्भ में
Author(s): Dr. Preeti Adiwal
Abstract: जल एक प्राथमिक प्राकृतिक संसाधन, तथा एक मुख्य यौगिक है। प्राचीनकाल से लेकर अर्वाचीन तक मानव सभ्यता क¢ प्रादुर्भाव एवं विकास का प्रमुख आधार जल ही रहा है। धर्म और दर्शन में भी जल की महत्ता को माना गया है, किन्तु आज मानव जल, जल-संरक्षण, महत्व और जल सुरक्षा के विषय क¨ बिल्कुल भूल गया है। मानव आज इस स्तर पर है कि मनुष्य अपनी आवश्यक्ता की पूर्ति के लिए किसी भी स्तर पर जा सकता है और जल क¢ अपव्यय को गलत नहीं मानता।
अजमेर ऐतिहासिक रूप से एक पुराना शहर होने के साथ-ही अपनी एक भौगोलिक विश्ष्टिता भी रखता है। यह नगर चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है इसलिए इसका अधिकांश भाग पथरीला है जिसके कारण वर्षा का सम्पूर्ण जल बह जाता है, अतः इसकी भौगोलिक अवस्थिति जल संग्रहण के अनुकूल नहीं है। इसलिए समय-समय पर राजाओं द्वारा एवं ब्रिटिश शासनकाल में अनेक तालाब, झील, बावड़ियां आदि बनवाए गए जिससे जल का संग्रहण हो सके एवं नगरवासियों को जलापूर्ति होती रहे, जिनमें आनासागर फाॅयसागर प्रमुख है।
प्रस्तावित शोध-पत्र में शोध का प्रारूप वर्णात्मक एवं अन्वेषनात्मक दोनों प्रकार का है, जिसमें प्राथमिक एवं द्वितीयक दोनों प्रकार के आँकड़ांे का प्रयोग किया गया है। इसमें अन©पचारिक साक्षात्कार, परिचर्चा, अनुसूचियों, प्रश्नसूची, रासायनिक परीक्षण आदि प्रदूषण समस्या समाधान उपागम को अपनाया गया है।
प्रस्तुत श¨ध-पत्र अजमेर नगर के जल संसाधन से सम्बन्धित है, अजमेर में जल के अँधाधुन दोहन ने स्थिति को काफी गंभीर बना दिया है। इस गंभीर समस्या के हल क¢ लिए वर्षा जल संरक्षण एवं गिरते भू-जल स्तर को बचाने क¢ विभन्न उपाय सुझाने का प्रयास किया है, जिससे जल संबंधी अप्रिय खतरों को भी कम किया जा सकता है।
DOI: 10.33545/26646021.2023.v5.i2c.277Pages: 163-167 | Views: 319 | Downloads: 5Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
Dr. Preeti Adiwal.
शहरी क्षेत्रवासियों का जल संरक्षण हेतु जागरूकता स्तर-अजमेर नगर के विशेष संदर्भ में. Int J Political Sci Governance 2023;5(2):163-167. DOI:
10.33545/26646021.2023.v5.i2c.277