Abstract: इस शोधपत्र का उद्देश्य भारत में दलितों के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों को प्रासंगिक बनाना और मानव अधिकारों के मुद्दों पर ध्यान देना है और इनका भारतीय संविधान और दलितों के अधिकारों पर कितना प्रभाव पड़ता है इसका मूल्यांकन करना है। इसमें मानवाधिकारों का दो दृष्टिकोणों से मूल्यांकन करने का प्रयास किया जाएगा जो दार्शनिक और ऐतिहासिक होगा। मानवाधिकार मानव जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि ये मनुष्य को सभ्य और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।