बिहार में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की भूमिका
Author(s): डॉ. अजित कुमार भारती, डॉ. जैनेन्द्र यादव
Abstract: बिहार में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की भूमिका ने ग्रामीण समाज में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाया है। 73वें संविधान संशोधन (1992) के तहत महिलाओं को पंचायतों में 33% आरक्षण प्रदान किया गया, जिसे बिहार सरकार ने 2006 में बढ़ाकर 50% कर दिया, जिससे महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस व्यवस्था के तहत महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सक्रियता से कार्य कर रही हैं, जिससे पंचायतों में पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार हुआ है। महिलाओं की भागीदारी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में मजबूती प्रदान की है और स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों की गुणवत्ता में वृद्धि की है। इसके अतिरिक्त, महिलाओं के पंचायतों में नेतृत्व से पारंपरिक सामाजिक संरचनाओं में बदलाव आया है, जिससे जेंडर भूमिकाओं और मान्यताओं को चुनौती मिल रही है। हालांकि, शिक्षा की कमी, सामाजिक बाधाएं और हिंसा जैसी चुनौतियों के बावजूद, विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सामाजिक समर्थन और कानूनी संरक्षण के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान संभव है। बिहार में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की सक्रिय सहभागिता ने उनके सशक्तिकरण को नई दिशा दी है और यह ग्रामीण विकास और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
डॉ. अजित कुमार भारती, डॉ. जैनेन्द्र यादव. बिहार में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की भूमिका. Int J Political Sci Governance 2023;5(2):51-56. DOI: 10.33545/26646021.2023.v5.i2a.334