Email: politicalscience.article@gmail.com
International Journal of Political Science and Governance
  • Printed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal
P-ISSN: 2664-6021, E-ISSN: 2664-603X, Impact Factor: RJIF 5.32
Printed Journal   |   Refereed Journal   |   Peer Reviewed Journal
Journal is inviting manuscripts for its coming issue. Contact us for more details.

2022, Vol. 4, Issue 1, Part C

हरित विचारधाराओं तथा हरित राजनीति की विषय-वस्तु में गांधी


Author(s): रोहित कुमार मीना

Abstract:
हरित विचारधारा 1970 के दशक से आधुनिक राजनीतिक चिंतन का प्रमुख केंद्र बन गई है। इस विचारधारा पर उपजी राजनीति ने परंपरागत राजनीतिक विचारधाराओं की मानव केंद्रित मान्यताओं पर सवाल उठाया। इन्होंने मानव के साथ ही प्रकृति को भी उतना ही महत्वपूर्ण माना। यह विचारधारा मानव चेतना के बदलाव से माध्यम से मानव का गैर मानव के साथ संबंधों के पुनर्निर्माण पर बल देती है। गांधी ने भी अपनी जीवनशैली, विचार और लेखन में प्रकृति को मनुष्य जितना ही महत्वपूर्ण माना। गांधी मनुष्य को प्रकृति का अंग मानते थे उसका स्वामी नहीं। गांधी का सर्वोदय, अपरिग्रह, स्वराज और स्वदेशी का विचार हरित विचारधारा के समग्रतावाद,पर्यावरण सततता संबंधी विचार का ही समरूप पहलू है।
हरित विचारधाराओं के स्तर पर देखा जाए तो गांधी सामाजिक पारिस्थितिकी और गहन पारिस्थितिकी के सर्वाधिक नजदीक दिखाई देते हैं द्य गहन पारिस्थितिकी के प्रणेता अर्ने नेस ने तो स्वीकार किया कि उन्होंने पारिस्थितिकी के इस दर्शनशास्त्र को गांधी व स्पिनोजा के अध्ययन से प्रभावित होकर रचा है। हरित विचारधारा की सभी विषय वस्तु में गांधी है और हरित विचारधारा की सभी धाराओं में गांधी का प्रवाह है।


DOI: 10.33545/26646021.2022.v4.i1c.242

Pages: 226-229 | Views: 220 | Downloads: 4

Download Full Article: Click Here
How to cite this article:
रोहित कुमार मीना. हरित विचारधाराओं तथा हरित राजनीति की विषय-वस्तु में गांधी. Int J Political Sci Governance 2022;4(1):226-229. DOI: 10.33545/26646021.2022.v4.i1c.242
International Journal of Political Science and Governance

International Journal of Political Science and Governance

International Journal of Political Science and Governance
Call for book chapter