सामाजिक परिवर्तन के यंत्र के रूप में हमारा नागरिक समाज
Author(s): डाॅ. दिनेश कुमार
Abstract: सामाजिक परिवर्तन लोगों के जीवन प्रारूप में बदलाव को इंगित करता है। भारतीय समाज की आध्यात्मिक तकनीक से सामाजिक प्रारूप में परिवर्तन पर विशेष प्रभाव पड़ा है। सामाजिक परिवर्तन प्रवाह, उच्चावचों, आवर्ती तथा रेखीय सभी रूपों में होती है। परिवर्तन की प्रकृति मौलिक व प्रतिरोध पर आधारित होती है। सामाजिक परिवर्तन तीन स्तर पर होता है- लोगों ंके वैचारिक ढांचे में परिवर्तन, लोगों के जीवन में परिवर्तन तथा जीवन के विभिन्न संबंध्ंाों में परिवर्तन। नागरिक समाज द्वारा सामाजिक परिवर्तन का मूल उद्देश्य असमानता को हटाना और न्यायपूर्ण वितरण होना चाहिए। लोकतंत्र को बनाने व मजबूत करने में नागरिक समाज की अहूम् भूमिका है। नागरिक समाज ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने का कार्य किया है।
Pages: 145-148 | Views: 82 | Downloads: 3Download Full Article: Click HereHow to cite this article:
डाॅ. दिनेश कुमार. सामाजिक परिवर्तन के यंत्र के रूप में हमारा नागरिक समाज. Int J Political Sci Governance 2021;3(2):145-148.