गांधी की अहिंसा एवं मूल्य की राजनीति का वर्तमान स्वरूप
Author(s): शिशिर कुमार पाठक
Abstract: एक समय था जब पूरे विश्व ने गिरमिटिया श्रम को एक सामाजिक व्यावस्था के रूप में स्वीकार कर लिया था, तब गांधी जी ने इस प्रथा का पुरजोर विरोध किया था। यही नहीं जब पूरी दुनिया में हिंसात्मक युद्ध छिड़ा हुआ था, तब गांधी जी ने अहिंसात्मक युद्ध शुरू कर दिया था। उन्होंने हिंसात्मक इतिहास को अहिंसा में बदल दिया। राजनीतिक संघर्ष हल करने के लिए जिस तरह से उन्होंने अहिंसात्मक प्रतिरोध यानी सत्याग्रह का उपयोग किया, इससे हुआ ये कि बाद की दुनिया में राजनीतिक संघर्षों के हल के लिए यह सर्वोत्तम माध्यम बन गया। गांधी जी हिंसात्मक कार्यों के दुष्प्रभावों से अच्छी तरह वाकिफ थे। वह खुद दक्षिण अफ्रीका में बोअर युद्ध और जुलू विद्रोह के दौरान युद्ध के साथ जुड़े हुए थे और तब तक वे दो विश्व युद्ध की विभिषिका से परिचित हो चुके थे। इस पत्र के माध्यम से गांधी की अहिंसा एवं मूल्य की राजनीति के वर्तमान स्वरूप पर विश्लेषण प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
शिशिर कुमार पाठक. गांधी की अहिंसा एवं मूल्य की राजनीति का वर्तमान स्वरूप. Int J Political Sci Governance 2021;3(1):01-03. DOI: 10.33545/26646021.2021.v3.i1a.77