भ्रष्टाचार की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और भारतीय राजनीति
Author(s): डाॅ॰ नीतु गौरव
Abstract: भ्रष्टाचार और भारतीय राजनीति का संबंध बहुत ही पुराना है। राजनीति के उद्भव काल से ही उनमें धीरे-धीरे भ्रष्टाचार का प्रवेश शुरू हो गया था, जिसका चरम तथा विकृत्त रूप हमें आज दिखता हैं यह अलग सवाल है कि प्राचीन तथा मध्यकाल में प्रशासन के क्षेत्र सीमित थे, जिसके कारण भ्रष्टाचार का क्षेत्र भी सीमित था। लेकिन इसी जड़ें वहीं से जमने लगी थीं। वह काल जब राजतंत्रीय शासन प्रणाली थी और राजाओं की निरंकुशाता से आमजन पीड़ित थे, तब से लेकर आज तक जब प्रजातंत्र की स्थापना हो चुकी है, आमजनों का शोषण बदस्तूर जारी है। बस इसके स्वरूप में समय के साथ परिवर्तन होते गये हैं। परिवर्तन के ये रूप सर्वाधिक स्वातंत्र्योत्तर भारत में दिखता है। जब आम आदमी अंग्रेजों की शोषणकारी सत्ता से मुक्ति के संघर्ष कर रहे थे, तो उन्हें लग रहा था कि आजादी के बाद हमारे देश से भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा, पर ऐसा कुछ न हुआ। लोगों ने केवल आजादी के बाद सत्ता-परिवर्तन को देखा, उन्नत समाज, शोषणमुक्त प्रशासन और राजनीति आज भी उनके लिए स्वप्न ही है।
डाॅ॰ नीतु गौरव. भ्रष्टाचार की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और भारतीय राजनीति. Int J Political Sci Governance 2020;2(1):109-110. DOI: 10.33545/26646021.2020.v2.i1b.41