समकालीन विश्व में मानवाधिकार: विकासशील देशों के संदर्भ में
Author(s): डाॅ. विनोद कुमार
Abstract: प्रत्येक समाज के लिए यह परमआवश्यक है कि वहाँ पर रहने वाले प्रत्येक नागरिक को वो सभी सुविधिाएं एवं अधिकार प्रदान किए जांए जिनके माध्यम से वे अपना सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास कर सकें। दुनियों के प्रत्येक देश में मानवाधिकार का अस्तित्व पाया जाता है। वर्तमान समय में सभी लोकतान्त्रिक समाजों में स्वतन्त्रता, समानता तथा न्याय पर आधारित विश्व व्यवस्था स्थापिक करने के लिए यह आवश्यक है कि दुनियाँ में रह रहे प्रत्येक नागरिकों को वे अवसर उपलब्ध करवाएं जाएं जिनको प्राप्त करके अपने आपको समाज का अभिन्न अंग समझें। परन्तु पिछले कुछ वर्षों से यह देखा गया हकि मानवाधिकारों का व्यापक रूप से उल्लंघन हुआ है। विशेषकर 1990 के बाद एक ध्रुवीय विश्व व्यवस्था में राष्ट्र-राज्यों का विघटन हो रहा है तथा पैक्स-अमेरिकाना की प्रक्रिया बढ़ती जा रही है। प्रस्तुत लेख के माध्यम से विकासशील देशों में हो रहे मानवाधिकारों से संबंधित मुद्दों को उठाया गया है।
शोध प्रविधि: इस शोध पत्र को पूर्ण करने के लिए मुख्य रूप से द्वितीय स्रोतों का सहारा लिया गया है। इनमें विभिन्न पत्रिकाओं में छपे लेख तथा अनेक पुस्तक सम्मिलित हैं। यह लेख अन्तर्राष्ट्रीय सैद्धान्तिक समीक्षा, 2014 में भी प्रकाशित है।
डाॅ. विनोद कुमार. समकालीन विश्व में मानवाधिकार: विकासशील देशों के संदर्भ में. Int J Political Sci Governance 2019;1(1):50-53. DOI: 10.33545/26646021.2019.v1.i1a.357